Wednesday, 23 May 2012

Ek Gubbara...

एक गुब्बारा दो गुब्बारे 
नीला पीला लाल हरा 
देखो कितने सारे गुब्बारे

एक भरा खुशियों से 
एक रंगीली मुस्कुराहटों से
एक भरा यादों से
एक किसी सुन्दर सपने की आहटों से 

एक बटेरता कुछ आंसूं 
तो दूसरा बाँट रहा देखो चमक 
एक चमक तुम्हारी आँखों की 
एक चमक तुम्हारी बातों की 
और एक तुम्हारी मुस्कराहट
जो सुबह है कितनी रातों की 

एक गुब्बारा दो गुब्बारे 
नीला पीला लाल हरा 
देखो कितने सारे गुब्बारे

एक गुब्बारा उसके लिए
जिसके सब गुब्बारे छूट गए
एक गुब्बारा उसके लिए
जिसके सारे इरादे टूट गए

एक गुब्बारा उसके लिए 
जो गुब्बारों के मेलों से दूर
अपना सब कुछ खो चुका है 
एक गुब्बारा उसके लिए
जो सारी रात एक सुबह के इंतज़ार में
जाने कितना रो चुका है 

एक गुब्बारा दो गुब्बारे 
नीला पीला लाल हरा 
देखो कितने सारे गुब्बारे

एक गुब्बारा हर खोये हुए को
भुलाने के लिए 
एक गुब्बारा हर दूर होते को
पास लाने के लिए 

एक गुब्बारा उसके लिए
जिसका हर दोस्त छूट गया 
एक गुब्बारा उसके लिए,  
जिसका हर खिलौना टूट गया
एक गुब्बारा उसके लिए
जिसका हर ख्वाब कोई लूट गया
एक गुब्बारा उसके लिए
जिसका हर लम्हा उसी से रूठ गया 

और ये आखरी गुब्बारा 
आपके लिए.... 


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