(Painting by: Richita Aswani)
एक रंग बिरंगा आसमान यूँ देखा,
उसमे छुपी यादों की एक रेखा
कुछ यादें जो गुदगुदाती थीं
और कुछ जो बरबस रुलाती थीं
एक रंग बिरंगा आसमान यूँ देखा
उसमे खिंची तारों की एक रेखा
न जाने किस दिशा मुझे ले जाती थी
हर मोड़ पर एक नया सपना मुझे दिखाती थी
एक रंग बिरंगा आसमान है ऐसा
बिलकुल अपने ख़्वाबों जैसा
एक पल उम्मीदों के बादलों में तैरते थे हम
और दुसरे ही पल न जाने किन मायूसियों में खो जाते
एक रंग बिरंगा आसमान है ऐसा
बिलकुल उसकी मुस्कराहट जैसा
रह रह कर हर गम हमारे चुराती थी
मायूसियों की जंजीरों को पिघला गले से हमें लगाती थी
एक रंग बिरंगा आसमान है ऐसा
बिलकुल उस एक तस्वीर के जैसा
न जाने किसकी उँगलियों का जादू है उसमे
न जाने कितनी ख्वाहिशों को लेकर उड़ रहा एक मन बेकाबू है उसमे
I like reading it. specially the last two lines.. :)
ReplyDeleteUsual Abhiness.
ReplyDeleteKeep writing.