तुम अच्छा लिखते हो,
मुझ पर भी कुछ लिखो न..
"नहीं लिख सकता"
क्यों नहीं लिख सकते?
"तुमसे प्यार हो जायेगा.."
और क्या कहता उसे,
सच ही तो था,
अम्बरनाथ की वो एक प्यारी सी लड़की,
कुछ जानी पहचानी सी लगती थी
कब जाना, कब पहचाना
मुझे कहाँ पता था,
पर जब भी उस से बात करता,
हर रात फिर सुहानी सी लगती थी
देखने में,
खूबसूरत सी तो थी,
और शायद मुझे कुछ कहना भी था,
पर जब भी कहने लगता जुबान कुछ लड़खड़ाने लगती थी
अच्छा लगता था,
उस से बातें करना,
और कभी कभार चुप चाप थोड़ा घूर भी जाता था,
हर बार जैसे किसी रात देखे एक ख्वाब की रानी लगती थी
फिर एक दिन,
हिम्मत कर बोला था मैं,
पता चला कोई और मिल गया है उसे..
पर फिर भी अच्छा लगता है,
आज जब भी उस से बात होती है मेरी,
अम्बरनाथ की वो एक प्यारी सी लड़की,
जैसे कोई खूबसूरत कहानी सी लगती थी...