उड़ते हुए कुछ पंछी
उनके संग उड़ती एक उमंग
तुम्हे यूँही देखते जाने की
ढलता हुआ सूरज
चमकते कुछ तारे
उनमे छुपे कुछ वादे
एक वादा तुम्हे ही देखते जाने का
रह रह कर चलती हवा
और तुम्हे छूकर आती एक खुशबू
संग लाती एक पैगाम तुम्हारी ख़ूबसूरती का
और
जवान होती यह शाम
इन हसरतों का ना है कोई नाम
दिल चाहता है
बस तुम्हे ही देखता रहूँ
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